Cracking the Code of Calcium Deficiency Causes Symptoms and Solutions

हमने अक्सर ये सुना है, हड्डियों को मजबूत रखना है तो कैल्शियम ज्यादा खाओ, इसके लिए दूध पियो, दही खाओ, अंडे और पनीर ये सब खाने को कहा गया है।

अब सोचिए अगर ये सब खाने के बाद भी अगर आपकी हड्डी और जोड़ों में दर्द होने लगे, और फिर आप डॉक्टर को दिखाएं और जांच करवाएं और पता चलता है कि आपको कैल्शियम की भयंकर कमी है,

आपका पहला सवाल होगा ऐसे कैसे मुझमें कैल्शियम की कमी हो सकती है। हम तो दूध दही पनीर अंडे सब लेते हैं। दरसल ये बिल्कुल मुमकिन है, ये सब खाने के बाद आपके कैल्शियम की कमी हो जाएगी, क्या हाइपोकैल्सीमिया की समस्या है

 

:कैल्शियम शरीर में एक छोटा सा तत्व होता है। जिसके शरीर को काफी ज्यादा जरूरत होती है।

:शरीर के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी है

:कैल्शियम हड्डियों की मांसपेशियों को मजबूत करता है

:शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर हाइपोकैल्सीमिया कहा जाता है

:हड्डियों में सफेद रंग कैल्शियम के कारण से आता है

:हम जो दूध पीते हैं, पनीर अंडे जैसे चीज खाते हैं। इनमें कैल्शियम काफी ज्यादा होता है,

:पेट में जाने के बाद ये कैल्शियम आंत में अवशोषित कर लिया जाता है

:यहाँ से कैल्शियम अवशोषित हो कर रक्त में पहुँच जाता है और हड्डियों पर जमा हो जाता है।

:अतिरिक्त कैल्शियम हड्डियों से निकलर मूत्र के जारिये शरीर से बहार निकल जाता है

:हाइपोकैल्सीमिया में खून के अंदर कैल्शियम की कमी हो जाती है

:हाइपोकैल्सीमिया में हां तो शरीर में कैल्शियम अवशोषित नहीं हो पाता है ठीक से,या फ़िर भोजन के अंदर कैल्शियम कम है या होता ही नहीं है


कारण:

-शरीर में कैल्शियम की कमी कई वजह से होती है.

-काई लोग जैसे शाकाहारी दूध और दूध से बने चीजें और नॉनवेज नई खाते हैं -काफी लोग सब्जियां दूध दही पनीर और नॉन वेज नहीं खाते अक्सर ऐसे लोगो में कैल्शियम की कमी हो जाती है
-छोटे बच्चे जो दूध नी पीते उनमें कैल्शियम की कमी हो जाती है
-शरीर में दो हार्मोन कैल्शियम को कंट्रोल करते हैं। विटामिन डी और पैराथाइराइड
-इन
हार्मोन की कमी या खराबी के कारण कैल्शियम की कमी हो सकती है
-शरीर में धूप से विटामिन डी बनता है, विटामिन डी की कमी से भी कैल्शियम की कमी हो सकती है
-विटामिन डी ही रक्त में कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है.
-कुछ मरीज़ों में जन्म से ही शरीर में कैल्शियम के रिसेप्टर्स ख़राब होते हैं,
रिसेप्टर्स का मतलब है शरीर में कैल्शियम जिस रास्ते से जाता है उसे रिसेप्टर्स कहते हैं.

लक्षण:

-शरीर की मांसपेशियों में कैल्शियम की कमी होती है

-हड्डियों और मांसपेशियों में कैल्शियम की कमी के कारण दर्द होता है
-कैल्शियम की कमी के कारण से जल्दी थकान होती है और हाथ और पेरो में दर्द होता है

-कुछ लोगो में कैल्शियम की कमी होने के कारण मांसपेशियाँ अकड़ जाती हैं इसको टेटनी कहते हैं
-कैल्शियम की कमी से चिड़चिड़ापन, हाथ पेरो में झंझनाहट, होठों के आस पास झंझनाहट होती है
-काम काज में मन न लगना, नाखूनों का पतला होकर टूट जाना
-गर्भावस्था के बाद भी शरीर में कैल्शियम की कमी होती है, अक्सर स्तनपान कराने के दौरान ऐसा होता है, ऐसे में महिलाओं को इलाज की जरूरत होती है, नहीं तो उन्हें दौरा भी पड़ सकता है

-साथ में दिल की धड़कन भी कम हो सकती है और हार्ट अटैक भी आ सकता है.

 

इलाज:

-कैल्शियम की कमी की जांच करने के लिए ब्लड टेस्ट करवाया जाता है
-खून में कैल्शियम कम पाये जाने पर कैल्शियम से भरपुर चीजे खाने के लिए कहा जाता है
-कैल्शियम की कमी पूरी करने के लिए दूध, दही, अंडे और सब्जियां खाना चाहिए,और कैलीकम टेबलेट भी ली जाती है
-अक्सर गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम की गोलियाँ गर्भवती महिलाओं को दी जाती है। क्योंकि कैल्शियम की कमी से बचे के विकास पर असर पड़ता है
-अगर शरीर में कैल्शियम बहुत ज्यादा कम है तो ऐसे में कैल्शियम के इंजेक्शन लगाए जाते हैं
-कई बार थायरॉयड ग्रंथि के ऑपरेशन के बाद शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है
-उन्हें भी कैल्शियम की दवा दी जाती है। विटामिन डी की कमी है तो उसका इलाज भी किया जा सकता है, विटामिन डी की गोली भी दी जाती है



 


 

 




 
 
 

 

 

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